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हीर राँझा लव स्टोरी पार्ट -३



साहिबा  की  बात   सुनकर  राँझा  को  बहुत  गुस्सा  आया  और उसने  जबाब  दिया , सही  कहा  गया  है  की  ओरत  दगा  बाज  होती  है। तुम  ओरतो ने  समस्या  खड़ी  की  और  मेरे  भाइयो  से  अलग करवा  दिया , मै  एक  खुस  जिंदगी  जी   रहा था  लेकिन  तुम्हारी  बुरी जुबान  के  कारन  घर  में  झगड़े  शुरू  हुए  , तुम  ओरते  मर्दो  को  उकसाती  हो   ताकी  एक  दूसरे  से  लड़ पड़े। 

साहिबा  ने  उतने  ही  तल्खी  से  उलट  कर  कहा  ,तुम  बहुत  ज्यादा  दूध  चावल  खा  रहे  हो  इसलिए  इतना  घमंड  दिखा  रहे  हो। एक तुम  ही  तो  हो  जो  मेरे  परिवार  पर  कलंक  हो। अगर  घर  छोड़  दो  और  कुछ  दिन   भूखा  मरना  पड़े  तो   तुम्हारी  ये  सारी  भासड़ बाजी  बंद  हो  जाएगी। 
तुम  आलसी  हो  और  किसी  काम  के  नहीं  हो.  तुम  गांव  की  लड़कियों  पर  बुरी  नजर  रखते  हो।  गांव  की  लड़किया  खुलेआम कहती  हैं  की  वे  तुम्हारी  प्यार  में  पड़  गई  हैं।  तुम्हारी  खूबसूरती  देख  ये  औरते  उसी  तरह  फसती  है।  जैसे  की   मधु  में  मखियाँ चिपक  जाती  है  औरते  तुम्हारी  पीछे   दिन  रात  भागती  हैं।  तुम्हारे  प्यार  ने  कितनो  को  बर्बाद  कर  दिया  है। ''

भौजाई  की  जली -कटी  सुनने  के बाद राँझा और भी गुस्से में  आया  और जबाब  दिया ,  '' सारी  दुनिया  जानती  है की  तुम इस गांव  की  सबसे झगड़ालू औरत हो  और तुम इतनी  खूबसूरत औरत हो  की  तुम्हारी पति को इस बात का कभी डर नहीं होगा की कोई दूसरा  आदमी  तुमको भगा ले जायेगा। ''

क्रोध से साहिबा की आँखे लाल हो  गई और उसकी सूरत पर लहराती लटे जहरिले  साफ की  फन   की  तरह हो गए। 

वह बोलने  लगी , अगर  हमलोग  तुम्हारे  लिए इतने ही  बुरे हैं  तो  जाओ किसी  सियाल की  लड़की से शादी कर  लो। 
जाओ  उनके  घरो के  आस -पास  जाकर अपनी  बासुरी बजाओ और  उनकी औरतो को फास लो   अगर तुमको हमारी खूबसूरती पसंद नहीं   तो जाओ हीर से शादी कर लो।  उसे दिन रात  तलाश करो ताकि तुम उसे जाल में फसा सको अगर दिन में वह हाथ न आए तो  रात को घर की पिछली दिवार  गिराकर उसे भगा ले जाओ।     

हीर - राँझा लव स्टोरी पार्ट- २



राँझा के सभी भाई  मिलकर जमीन की माप -करने वाले काजी के पास गये  और उसे रिश्वत देकर अच्छी जमीनों को आपस में बाट लिया। बंजर और बेकार जमीन राँझे के हिस्से में आई। यह सब देखकर राँझा के दुश्मनो के खुसी का तो ठिकाना ही नहीं रहा। 

अब वे समाज में घूम घूम कर कहने लगे अब राँझा को भाइयो ने जाल में अच्छा फासा है।
राँझा को वह अपमानित करते हुए कहते थे। यह आदमी खेत कैसे जोट सकता है जिसके सर पर बड़े बड़े बाल  हैं। 
लेकिन दिमाग में दही भरा है। ऐसे आदमी से कौन औरत शादी करेगी जो जिंदगी में कभी कुछ नहीं कर सकता। 

राँझा की  बेइज्जती करने में भाई  भी पीछे नहीं थे , वे कहते , उसने तो औरतो की तरह चुड़िया पहन रखी है। दिन भर बासुरी बजाता रहता है और रात भर गाना जाता रहता है। अगर वह जमीन को लेकर लड़ने आता है तो आने दो। देखते हैं की क्या कर लेता है हम सब के सामने वह अकेला टिक नहीं सकता। 

राँझा भरी दिल लिए अपने बैलो को लेकर खेत जोतने चला लेकिन उसकी आत्मा रो रही थी , और धोप की तलखी उसकेउसके दुःख को और बढ़ा रही थी खेत जोतते  हुए जब थक गया तो छाया में जाकर वह लेट गया गया और वह आराम करने लगा। 

उसकी भोजाई साहिबा उसके लिए खाना लेकर आई और  वह अपना दर्द उससे कहने लगा भौजी मुझे खेत जोतना अच्छा नहीं लग रहा। 
जमीन बहुत कठोर है मेरे हाथो में फफोले और पैरो में छाले पड़ गये हैं। पिता जी जिंदा थे तो कितने अच्छे दिन थे जाने वे कहा चले गए जो बुरे दिन मुझको देखने पड़  रहे है। 

साहिबा ताना  मारते हुए बोली ,वैसे तुम तो बस अपने पिता के ही दुलारे थे ,माँ के लिए तुम सर्मसार करने वाले बेटे थे। 

हीर राँझा लव स्टोरी भाग -१


चेनाब  नदी के किनारे एक  खुबसूरत  जगह है -तख्त हजारा। यहां बहने वाली नदियो की लहरे और बाग बगीचे की खुशबू की वजह से इसे पूरब का स्वर्ग कहा जाता है यही राँझाओ की धरती है जो मस्ती से यहाँ रहते है। इस बस्ती के नोजवाज बेपरहवाह किसम के है वे कानो में बालिया  पहनते हैं  और कंधे पर नया शाल रखते है। उनको  अपनी खूबसूरती पर गर्व है। 

इसी बस्ती का मुखिया था जमींदार मौजू  चौधरी। वह आठ बेटे और दो बेटियों का बाप था।  वह बहुत धनी और खुशहाल था  गांव में सभी उसका सम्मान करते थे। सभी बेटो में वह राँझा को सबसे ज्यादा प्यार करते था। इसी कारन राँझा के भाई सभी उससे जलते है। 

बाप के डर से वे राँझा पर सीधे वार नहीं कर पाते थे  लेकीन पीछे ताना मारते रहते थे।  जिससे राँझा के दिल को ऐसे चोट लगती थी जैसे सोये हुए आदमी को अँधेरे में साफ डंक मारता हो। 

फिर एक अंधेरी रात ऐसी आई जब राँझा पर कयामत का कहर बरसा। 
उस रात उसका बाप चल बसा। राँझा के भाइयो ने उसपर अब खुलेआम बार- बार  ताना कसना शुरू कर  दिया। 

वे  राँझा को कहते , आलसी बैठकर रोटी तोड़ता है और दो  आदमी के  बराबर दूध पि जाता हैं। वो भी मखन मार के। 
भाइयो ने राझा से  छुटकारा पाने के लिए षड्यंत करना शुरू कर दिया और एक योजना  बनाई। 

हीर राँझा लव स्टोरी पार्ट -३

साहिबा  की  बात   सुनकर  राँझा  को  बहुत  गुस्सा  आया  और उसने  जबाब  दिया , सही  कहा  गया  है  की  ओरत  दगा  बाज  होती  है। तुम  ओरतो ...