साहिबा की बात सुनकर राँझा को बहुत गुस्सा आया और उसने जबाब दिया , सही कहा गया है की ओरत दगा बाज होती है। तुम ओरतो ने समस्या खड़ी की और मेरे भाइयो से अलग करवा दिया , मै एक खुस जिंदगी जी रहा था लेकिन तुम्हारी बुरी जुबान के कारन घर में झगड़े शुरू हुए , तुम ओरते मर्दो को उकसाती हो ताकी एक दूसरे से लड़ पड़े।
साहिबा ने उतने ही तल्खी से उलट कर कहा ,तुम बहुत ज्यादा दूध चावल खा रहे हो इसलिए इतना घमंड दिखा रहे हो। एक तुम ही तो हो जो मेरे परिवार पर कलंक हो। अगर घर छोड़ दो और कुछ दिन भूखा मरना पड़े तो तुम्हारी ये सारी भासड़ बाजी बंद हो जाएगी।
तुम आलसी हो और किसी काम के नहीं हो. तुम गांव की लड़कियों पर बुरी नजर रखते हो। गांव की लड़किया खुलेआम कहती हैं की वे तुम्हारी प्यार में पड़ गई हैं। तुम्हारी खूबसूरती देख ये औरते उसी तरह फसती है। जैसे की मधु में मखियाँ चिपक जाती है औरते तुम्हारी पीछे दिन रात भागती हैं। तुम्हारे प्यार ने कितनो को बर्बाद कर दिया है। ''
भौजाई की जली -कटी सुनने के बाद राँझा और भी गुस्से में आया और जबाब दिया , '' सारी दुनिया जानती है की तुम इस गांव की सबसे झगड़ालू औरत हो और तुम इतनी खूबसूरत औरत हो की तुम्हारी पति को इस बात का कभी डर नहीं होगा की कोई दूसरा आदमी तुमको भगा ले जायेगा। ''
क्रोध से साहिबा की आँखे लाल हो गई और उसकी सूरत पर लहराती लटे जहरिले साफ की फन की तरह हो गए।
वह बोलने लगी , अगर हमलोग तुम्हारे लिए इतने ही बुरे हैं तो जाओ किसी सियाल की लड़की से शादी कर लो।
जाओ उनके घरो के आस -पास जाकर अपनी बासुरी बजाओ और उनकी औरतो को फास लो अगर तुमको हमारी खूबसूरती पसंद नहीं तो जाओ हीर से शादी कर लो। उसे दिन रात तलाश करो ताकि तुम उसे जाल में फसा सको अगर दिन में वह हाथ न आए तो रात को घर की पिछली दिवार गिराकर उसे भगा ले जाओ।